सफ़र में मुश्किलें आयें तो जुर्रत और बढती है ,
कोई जब रास्ता रोके तो हिम्मत और बढती है ,
मेरी कमजोरियों पर जब कोई तन्कीत करता है ,
वोह दुश्मन क्यों न हो , उस से मोहब्बत और बढती है ,
अगर बिकने पर आ जाओ तो घट जाते हैं दाम अक्सर ,
न बिकने का इरादा हो तो कीमत और बढती है ।
This is one of my most favourite Sher by Nawaz Deobandi. Its highly inspiring, motivating and thought provoking...It has got a message for the life , if read and understood deeply..I was over the moon when i read it for the first time.
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